जिनको शासन मिला है विरासत में
वह बड़े शासक बनना चाहते हैं,
जो शासित हैं
वह भी शासक बनने का ख्वाब पाले
जिंदगी में लड़े जा रहे हैं,
कमबख्त! जिस जिंदगी को
आसानी से जिया जा सकता है
लोग खुद जंग लड़कर
उसे मुश्किल बना रहे हैं।
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लोग जलाते हैं जो चिराग
वह उसे बुझा देते हैं,
रौशनी के दलाल
अपनी दलाली के लिये
करते हैं अंधेरों का सौदा
रात के अंधेरे में चमकता
कोई तिनका भी राह में दिख जाये
उसे भी पत्थरों के नीचे दबा देते हैं।
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कवि, संकलक एवं संपादक-दीपक भारतदीप,Gwalior
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