ब्लागर पार्क में दोनों ब्लागर प्रतिदिन सुबह लड़ते थे। एक कहता कि ‘मैं हिंदी का सबसे बड़ा ब्लागर’ तो दूसरा कहता था कि ‘तुझे कौन जानता है तेरे से बड़ा ब्लागर तो मैं हूं’। दोनों एक दूसरे पर फब्तियां कसते और अभद्र शब्द बोलते। बाकी ब्लागर इस डर के मारे कुछ नहीं बोलते कि कहीं इनकी लड़ाई अपने गले न पड़ जाये। आपस में जरूर बतियाते ‘यार, दोनों माहौल बिगाड़ रहे हैं’, और इस पार्क की बजाय कोई दूसरा पार्क घूमने के लिये ढूंढना चाहिये’। कुछ लोग इसलिये उस पार्क में घूमने आते थे क्योंकि उनको देखकर वह हास्य कविताएं गुनगुनाकर दिल हल्का कर लेते थे‘।
कुछ लोग पार्क के बाहर खड़े होकर कमेंट भी उछालते थे ‘बहुत बढिया’, ‘बहुत सुंदर’ तो कुछ बारी बारी दोनों के समर्थन में नारे लगाते थे। इससे वह दोनों भ्रमित हो जाते थे। कई बार लड़ते-लड़ते दोनो ब्लागर अपने आप को अंतर्जाल पर लिखने में मामले में अपने आपको सुपर स्टार घोषित कर देते थे। बीच-बीच में कोई ब्लागर भी दोनों को सुपर ब्लागर बता देते थे जब उनको लगता था कि इस बहाने लोगों की ध्यान उनकी तरफ जायेगा।
उस दिन दोनों सुबह अपनी दिनचर्या में व्यस्त थे ‘तू-तू मैं-मैं’’ जारी थी उसी समय पार्क के बाहर खड़ा होकर एक कमेंट देने वाला चिल्लाया कि ‘क्या खाक सुपर स्टार ब्लागर हो, देखो अखबार में एक फिल्म के सुपर स्टार ने अपना ब्लाग बना लिया है और लोगों के साथ आनलाईन लोगों की कमेंट पर कमेंट देंगे तुम्हारी तरह नहीं लिख कर भाग जाते हैं और हमारे कमेंट पड़े रहते है कि कब वह माडरेट हों।’’
दोनों ब्लागर हक्के-बक्के रहे गये। फिर उसे आवाज देकर बुलाया और सुपर स्टार का नाम पूछा तो उसने दूर से ही इशारा कर अपना हाथ ट्रेफिक पुलिस वाले की तरह खड़ा कर दिया और दोनो ही उसे समझ गये और उसकी तरफ भागे और चिल्लाते हुए पूछने लगे-‘‘जल्दी उसका पता दे।’’
एक ब्लागर ने दूसरे से कहा‘‘- यार मजा आ गया वह भी अपनी लाईन में आ गया। अब तो उससे दोस्ती करेंगे। निकाल पेन!
दूसरा बोला-‘‘रोज तुमसे झगड़ा होता है, खो न जाये इस डर के मारे ले नहीं आता।’’
पहले ने तत्काल अपने पास खड़े एक ब्लागर की कमीज पर हाथ डाला और उसकी पेन निकाल ली उसे समझने का अवसर नहीं दिया और दोनों उस आदमी के पीछे भागे। जिसका पेन लिया वह कोई व्यंग्यकार था और चिल्लाता रह गया-‘‘ऐ….ऐ…..देखो मैं तुम पर व्यंग्य लिख दूंगा।’’
दूसरा बोला-‘‘तुमसे तो बाद में निपटते हैं। वैसे भी तुम्हारा ब्लाग पढ़ेगा कौन? हम तो सुपर स्टार का ब्लाग पढेंगे।’’
दोनों को अपनी तरफ आता देख दोनों को सूचना देने वाला आदमी भाग निकला। उसे लग रहा था कि वह दोनों ब्लागर उससे झगड़ा कर रहे हैं। वह आगे-आगे भाग रहा था और दोनों पीछे-पीछे चिल्लाते जा रहे थे-‘अबे पता तो देता जा’ हम तुझे भी मुफ्त मे ब्लाग बनाना सिखा देंगे। मगर उस आदमी के मन में व्याप्त भय के कारण कान ही बंद हो गये थे।
आखिर वह भागने में सफल रहा। फिर दोनों लौटकर पार्क में आये। दोनों ब्लागर हांफ रहे थे। पार्क में आकर दोनों निढाल होकर बैठ गये। बाकी ब्लागर उनका हालचाल जानने उनके पास पहुंच गये। जिसका पेन लेकर गये थे उसे वापस करते दूसरा ब्लागर बोला-‘‘ऐसा अभागा पेन रखते हो कि किसी के काम नहीं आते। आइंदा ऐसा पेन अपने पास मत रखना। इस बार वापस कर रहा हूं अगली बार नाली में फैंक देंगे।’’
वह ब्लागर डर रहा था तो पहला जोर से चिल्लाया-‘ले न पेन लेता क्यों नहीं।’’
वह रिरियाते हुए बोला-‘‘मेरी तरफ से आप अपने लिऐ तोहफा समझ लेते, पर आप कह रहे हो कि अभागा है तो मुझे दे दीजिये मैं ही नाली में फैंक दूंगा। आप कहते हैं तो यह पेन अभागा ही होगा।’’
आखिर एक ब्लागर ने हिम्मत दिखाते हुए पूछ लिया-‘‘आपको उस आदमी ने सुपर स्टार के ब्लाग का पता नहीं दिया। आजकल के लोग बहुत संवेदनहीन हो गये हैं। थोड़ी मदद कर देता तो क्या हो जाता?’’
पहला ब्लागर बोला-‘‘वह हम ही हैं जो मुफ्त सेवा कर रहे हैं बाकी लोग तो सब ऐसे ही हैं।
वहीं मौजूद एक अन्य ब्लागर ने धीरे से पास खड़े ब्लागर से कहा-‘‘यार, अखबार तो कहीं भी मिल जाता है। जब यह साथ चलेंगे तो रास्ते में जो चाय वाला है उसके पास अखबार आता है वहां देख लेंगे किस अखबार में आया है तो खरीद लेंगे।’
पास खड़ा ब्लागर बोला-‘‘खामोश हो जाओ। यहां समझदारी की बातें करना वर्जित हैं जैसे यह लोग बोलें उस पर सहमति देत जाओ।’’
इधर दोनों ब्लागर बड़बड़ा रहे थे पहला ब्लागर बोला ‘‘कहां जायेगा? मुझे पता है उसका घर किस गली में है। अभी घर पर नहाधोकर वहीं धावा बोलता हूं। उससे सुपर स्टार के ब्लाग का पता निकलवाये बिना नहीं मानूंगा।’
दूसरा बोला-‘‘मैं भी चलूगा। भले ही मैं तुम्हें पसंद नहीं करता पर यह भी नहीं चाहता कि कोई मेरे अलावा कोई तुमसे वादविवाद करे।’
एक सज्जन ब्लागर ने कहा-‘‘पर हम लोगों को क्या? उस सुपर स्टार ने ब्लाग बना लिया तो अच्छी बात है सभी ब्लागरों का सम्मान बढ़ेगा।’’
पहला ब्लागर बोला-ए महाशय! कहीं तुम अपने आपको स्टार ब्लागर के रूप में स्थापित होने का ख्वाब तो नहीं देख रहे। इस समय तो हम ही स्टार हैं और हमारे दम पर तुम सब लोग चल रहे हो। हां अब सुपर स्टार ने ब्लाग बना लिया है इसलिये तो यह ख्वाब वैसे भी ख्वाब रहेगा।’’
दूसरा बोला-‘‘अब बहुत लिख लिया। अब तो सुपर स्टार के ब्लाग पर कमेंट लगाकर अपना नाम करेंगे। अरे, पढ़ना तो ब्लाग सभी जानते हैं पर कमेंट तो केवल ब्लागर ही लगाना जानते हैं। हम दोनों ही वहां कमेंट लगायेंगे, अगर किसी और ब्लागर ने वहां कमेंट लगाया तो उसे……………………हम स्टार ब्लागर हैं और रहेंगे और वह तो सुपर स्टार है उसका मुकाबला नहीं कर सकते पर कमेंट लगाकर स्टार तो बनें रह सकते हैं।’’
पहले ने कहा-‘‘अपना ब्लाग भी तो लिखना है?’’
दूसरे ने कहा-‘‘भूल जाओ। अरे हमारा ब्लाग कितने लोग पढ़ते हैं एक दिन में………………अब संख्या क्या बताऊं आदमी को अपनी कमाई नहीं बताना चाहिए, पर उस सुपर स्टार को कितने लोगे पढ़ेंगे और हम तो अपना कमेंट लगाकर आऐंगे। सवाल पर सवाल करेंगे। सोचो लाखों लोग हम दोनोे का नाम पढ़ेंगे।’’
दोनों चले गये तो सभी ब्लागरों ने राहत की सांस ली। तब एक कवि ब्लागर ने कहा-‘‘यह दोनों कमेंट लगाने पर भी बैन लगा गये अब हम क्या करें? अब तो सुपर स्टार ब्लागर बनने का ख्वाब भी खत्म हो गया।
व्यंग्यकार ब्लागर ने कहा-‘‘छद्म नाम से कमेंट लगायेंगे जब सुपर स्टार के ब्लाग किसी कमेंट देने वाले को कोई पुरस्कार आया तो फिर अपने असली नाम से प्रकट हो जायेंगे। आखिर फिल्मों से आया है और ब्लाग बना रहा है तो वह कमेंट लिख कर सवाल करने वालों के लिये कोई पुरस्कार भी घोषित तो करेगा।’’
सब वहां से चलने को हुए तो वहां एक ब्लागर ऊंघ रहा था तो आवाज देकर उसे जगाया गया तो वह चैंक गया फिर बोला-‘‘यार तुमने जगा दिया मैं तो सुपर स्टार के ब्लाग पर कमेंट लगाने का सपना देख रहा था।’’
अन्य ब्लागर ने कहा-‘‘अगली बार देखना तो अपने असली नाम से नहीं छद्म नाम से कमेंट लिखना। वरना वह दोनों तुम्हारा कचूमर निकाल देंगे।’
उन सज्जन ने चलने के लिये अपनी लकड़ी उठाई और लंबी-लंबी सांस खींचते हुए बोले-‘‘अपना अपना भाग्य है कोई सुपर स्टार तो कोई सुपर फ्लाप ब्लागर।’’
नोट-यह काल्पनिक हास्य व्यंग्य रचना है और किसी व्यक्ति या घटना से इसका कोई लेनादेना नहीं है और किसी की कारिस्ताने से मेल खा जाये तो वही इसके लिये जिम्मदार होगा।
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